राष्ट्रीय प्रतीकों के होने वाले दुरुपयोगों को रोकने के लिए केंद्र सरकार कड़े दंड व नाम और प्रतीक (अनुचित उपयोग की रोकथाम) अधिनियम, 1950 में महत्वपूर्ण संशोधन करने पर विचार कर रही है, जिससे कानून को और मजबूती मिलेगी। सूत्रों के अनुसार प्रस्तावित बदलावों में जुर्माने में वृद्धि और कारावास की सज़ा भी शामिल है। वर्तमान कानून के अनुसार प्रतीकों और नामों के अनुचित उपयोग के लिए उल्लंघनकारियों को मात्र 500 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है ।
इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार की अनुमति के बिना व्यापार, व्यवसाय या पेशे के लिए या किसी पेटेंट के शीर्षक, ट्रेडमार्क, डिजाइन में राष्ट्रीय प्रतीकों का उपयोग करना प्रतिबंधित है। सूत्रों के अनुसार, उपभोक्ता मामले का मंत्रालय अब इस संशोधन प्रक्रिया को आगे बढ़ा रहा है ,यह पहली बार है जब मंत्रालय ने अपराध करने वालों के लिए जुर्माने को एक लाख रुपये तक बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। वहीं बार-बार उल्लंघन करने वालों पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना और छह महीने की जेल की सज़ा भी हो सकती है।
Add Comment