उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्वास्थ्य विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात आदित्यवर्धन सिंह बिल्हौर के नानामऊ घाट पर सुबह गंगा स्नान करने के दौरान पैर फिसलने से नदी में डूब गए। 48 घंटे बाद भी उनका कुछ पता नहीं चल सका है । 40 किलोमीटर के दायरे में एसडीआरएफ और पीएसी की रेस्क्यू टीम लगातार तलाश में लगी हुई है। साथ ही NDRF की 30 सदस्यीय टीम भी सर्च अभियान मे लगी हुई है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है ।
दोस्तों का कहना है कि उन लोगों ने घटना के तुरंत बाद वहां मौजूद गोताखोरों से मदद मांगी थी, जिसके लिए गोताखोरों ने पहले उन्हें 10 हजार रुपये देने की बात कही लेकिन कैश न होने के वजह से जब तक पैसे एक दुकानदार के अकाउंट में ऑनलाइन ट्रांसफर किए गए, तब तक आदित्यवर्धन सिंह नदी के बहाव में बह गए। आरोप है कि अगर मौके पर मौजूद गोताखोर तुरंत रेस्क्यू शुरू करते तो आदित्यवर्धन को बचाया जा सकता था , लेकिन उन्होंने पहले पैसों की मांग रखी। जिसके चलते आदित्यवर्धन की गंगा मे डूबकर मृत्यु हो गयी।
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