समाज में दिए जाने वाले ऐसे ही कुछ ताने 22 साल की संगीता घारू ने भी झेले थे, लेकिन लोगों के ये ताने भी उनके आत्मविश्वास को कम नहीं कर पाएं और आज वो एक सफल मॉडल हैं। संगीता घारू आज रीना ढाका, जेजे वालया, वेंडेल रॉड्रिग्ज जैसी टॉप नेशनल डिजाइनर्स के बीच पॉपुलर हो चुकी हैं। इंडिया लेवल के हर फैशन वीक में रैम्प वॉक से अपनी एक अलग पहचान बनाने वाली संगीता कभी अपने काले रंग की वजह से हर जगह रिजेक्ट होती थीं। 22 साल की संगीता बचपन से हर जगह अपने काले रंग की वजह से ताने सुनती रहीं।
2 गोरी बहनों के बीच ढूंढती रही अपनी पहचान
बता संगीता घारू जोधपुर के एक मारवाड़ी परिवार से हैं, संगीता के काले रंग को लेकर लोगों ने हमेशा एक बड़ी कमजोरी के तौर पर देखा, जिसके कारण उसने कई जगह अपना कॉन्फीडेंट भी खोया। परिवार में दो गोरी बहनों के बीच वो अपनी पहचान को बार-बार ढूंढती रहीं, क्योंकि समाज उन्हें कभी भूलने नहीं देता था कि उनकी बहनें तो गोरी हैं और वो दुर्भाग्य से काली हैं। दुनिया ने शीशा दिखाते हुए कहा कि यह काली-पीली लड़की मॉडल कैसे बन सकती है? परछाई जैसी लगने वाली रैम्प वॉक कैसे करेगी ?
लेकिन तब भी उन्होंने हार नहीं मानी और अपने काले रंग को कमजोरी न मानते हुए उसने इसे अपनी शक्ति बना लिया और मॉडलिंग की दुनिया में अपनी अलग पहचान बनाने की ठान ली। जिसके बाद आज वो अपने बेमिसाल कॉन्फिडेंस और स्टाइल के दम पर ग्लैमर की दुनिया में एक मुकाम हासिल कर चुकी हैं।
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