इलाहाबाद हाइकोर्ट बार एसोसिएशन ने जस्टिस यशवंत वर्मा के ट्रांसफर पर कड़ी आपत्ति जताई है। बार एसोसिएशन का कहना है कि, उच्च न्यायालय कोई कूड़ादान नहीं है। हमें ये जानकर बहुत आश्चर्य हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस यशवंत वर्मा पर कार्यवाही करने के बजाय उनका ट्रांसफर किया है। इसीलिए इलाहाबाद हाइकोर्ट बार एसोसिएशन जस्टिस यशवंत वर्मा को यहां ना भेजने की अपील करता है।
इतना ही नहीं बार एसोसिएशन ने अपील करते हुए चार पन्ने का एक पत्र भी जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि, जस्टिस वर्मा के घर से पैसे बरामद होने के बाद उनका ट्रांसफर करना बेहद गलत है जबकि उनके ऊपर कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।
बार एसोसिएशन ने कहा कि इलाहाबाद हाइकोर्ट कोई कूड़ादान नहीं है कि भ्रष्टाचार करने वाले आरोपियों को यहां न्याय करने के लिए भेजा जाए। ट्रांसफर के बजाए उन्हें सेवा से तब तक निलंबित रखा जाए तब तक कि उनके खिलाफ कार्यवाही पूरी न हो जाए।
बता दें कि इस मामले पर बार एसोसिएशन ने 24 मार्च को जनरल हाउस की बैठक भी बुलाई है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में जस्टिस वर्मा को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

SUPREAME COURT
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