भारत और तुर्की के बीच वर्षों से चल रहे व्यापारिक और रणनीतिक संबंध ऑपरेशन सिंदूर के बाद से बिगड़ते नजर आ रहे हैं।
केंद्र सरकार ने तुर्की कंपनियों से जुड़े सभी व्यापारिक समझौतों और परियोजनाओं की समीक्षा शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक तुर्की के खिलाफ यह कदम उसकी पाकिस्तान के साथ बढ़ती हमदर्दी को देखते हुए उठाया गया है। इतना ही नहीं तुर्की बार बार पहलगाम हिंसा और कश्मीर मुद्दे पर भारत के खिलाफ टिप्पणी करने में भी लगा हुआ है। तुर्की ने न केवल पाकिस्तान को सैन्य ड्रोन उपलब्ध कराए बल्कि, तुर्की के ऑपरेटरों ने पाकिस्तानी सेना की सैन्य अभियानों में मदद भी की। भारत ने भले ही अभी तक तुर्की के साथ किसी भी परियोजनाओं को औपचारिक रूप से रद्द नहीं किया है लेकिन बिगड़ते हालातों को देखते हुए वह अपनी विदेश नीति में जरूरी बदलाव कर सकता है।
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