बाल विवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त एक्शन लेते हुए शुक्रवार को Prohibition of Child Marriage Act को लेकर सुनवाई की इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने देश में हो रहे बाल विवाह के मुद्दों पर कड़ी नाराजगी जताई है। CJI ने कहा की हर इंसान को अपनी पसंद का जीवनसाथी चुनने का अधिकार है, पर बाल विवाह जैसी प्रथा खुद की पसंद का जीवनसाथी चुनने पर रोक लगाती है, CJI की बेंच ने देश में बाल विवाह रोकने वाले कानून के प्रभावी रूप से संचालन के लिए कई निर्देश जारी किए जिनमें लोगों में जागरूकता बढ़ाने, हर समुदाय के लिए अलग तरीके अपनाने और समाज की स्थिति समझ कर रणनीति बनाने जैसे निर्देश दिए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि आरोपियों को सजा देते समय बाल विवाह को रोकने और नाबालिगों की सुरक्षा पर ध्यान देना होगा। पीठ ने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा हैं कि इस मामले में समुदाय आधारित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। यह कानून तभी सफल होगा जब सभी क्षेत्रों में बाल विवाह को लेकर जागरूकता बढ़ेगी।
Add Comment