आर्टिकल 370 के हटने के बाद जम्मू कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव हो रहे है। इस चुनाव में हमे कुछ अहम बदलाव देखने को मिल रहे है जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण बदलाव ये है कि पहली बार उन परिवारों को वोट देने का मौका मिल रहा है जिन्होंने कभी वोट नहीं दिए थे। यह लोग बंटवारे के समय पाकिस्तान से भारत आए थे जिनमे ज्यादातर दलित समुदाय के लोग थे।
आपको बता दे कि साल 1947 में हुए भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद हजारों परिवार जम्मू-कश्मीर में आ कर रहने लगे थे , लेकिन इन परिवारों को सरकारी नौकरी या फिर प्राइवेट नौकरी में किसी भी तरह के रोजगार का कोई अवसर नहीं मिलता था। इसके अलावा ये सभी परिवार जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनावों में वोट डालने का अधिकार भी नहीं रखते थे। लेकिन अब आर्टिकल 370 के समाप्त होने के बाद इन परिवारों को नागरिकता भी मिली है और वोटिंग का अधिकार भी।
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