दुनिया में कुछ ऐसे लोग रहते हैं जो बिना किसी स्वार्थ के दूसरों की सेवा करते है, आज ये बात फिर सच साबित हुई, जब एक ट्रैकमैन ने अपनी जान जोखिम में डालकर सैकड़ों यात्रियों की जिंदगी बचा ली। हम बात कर रहे हैं कोंकण रेलवे जोन में एक ट्रैकमैन की जो सुबह अपने कर्तव्य का पालन करते हुए पटरियों की निगरानी कर रहे थे तभी उन्होंने पटरी के ज्वाइंट पर अधूरी वेल्डिंग देखी, उसी समय दिल्ली से तिरुवनंतपुरम जाने वाली राजधानी सुपरफास्ट ट्रेन अपनी तूफानी रफ्तार में उसी डेंजर जोन की तरफ आ रही थी।
उन्होंने तत्काल कुमटा रेलवे स्टेशन से संपर्क साधा और ट्रेन को रुकवाने की बात कही, लेकिन राजधानी एक्सप्रेस तब तक कुमटा रेलवे स्टेशन को क्रॉस कर चुकी थी। जब ट्रेन को रुकवाने के सारे प्रयास विफल हो गए तब महादेवा ने ट्रेन की तरफ दौड़ लगा दी, तकरीबन 500 मीटर की दौड़ लगाने के बाद वह ट्रेन को रुकवाने में कामयाब हुए।पटरी को दुरुस्त करने के बाद राजधानी को रवाना किया गया।
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