
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर बीजेपी और RSS पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने RSS प्रमुख मोहन भागवत को चिट्ठी लिखकर बीजेपी से 5 सवाल किए। इन सवालों में उन्होंने बीजेपी पर जमकर निशाना साधते हुए RSS प्रमुख मोहन भागवत से पूछा कि 75 साल वाला कानून मोदी जी पर लागू क्यों नहीं ? क्या आपका ही बनाया गया कानून सबके लिए समान नहीं है ?
केजरीवाल का पहला सवाल केजरीवाल ने अपने पहले सवाल में पूछा कि आप सबने मिलकर एक कानून बनाया कि 75 साल के बाद सभी बीजेपी नेता रिटायर हो जाएंगे। इस कानून के तहत आडवाणी और मनोहर जोशी जैसे बड़े नेताओं को भी रिटायर किया गया। लेकिन अब अमित शाह का कहना कि यह नियम मोदी जी पर लागू नहीं होगा। तो क्या आप इससे सहमत हैं कि जो नियम अन्य सभी नेताओं पर लागू हुआ वो मोदी जी पर लागू नहीं होगा ?
केजरीवाल का दूसरा सवाल जिस तरह मोदी जी देश भर में तरह तरह का लालच देकर या ED और CBI का डर दिखाकर दूसरी पार्टी के नेताओं को तोड़ रहे हैं, उनकी सरकारें गिरा रहे हैं। ऐसे में सरकारों को गिराना क्या देश के लोकतंत्र के लिए सही है? क्या आप नहीं मानते ये भारतीय जनतंत्र के लिए हानिकारक है? क्या इस तरह की बेईमानी करके सत्ता हासिल करना आपको या RSS को मंजूर है?
केजरीवाल का तीसरा सवाल बीजेपी वह पार्टी है जो RSS की कोख में पैदा हुई है। कहा जाता है कि यह RSS की जिम्मेदारी है कि अगर बीजेपी अपने पथ भ्रमित होती है तो उसे सही रास्ते पर लाए। लेकिन माननीय मोहन भागवत जी क्या आपने कभी प्रधानमंत्री जी को पथ भ्रमित होने से रोका?
केजरीवाल का चौथा सवाल जेपी नड्डा ने लोकसभा चुनाव के दौरान कहा कि BJP को RSS की जरूरत नहीं है। RSS एक तरह से बीजेपी की मां के सामान है, तो क्या बेटा इतना बड़ा हो गया है कि वह मां को आंख दिखाने लगा है? ऐसे में देश की जनता जानना चाहती है कि उनके बयान से आपके दिल पर क्या गुजरी है ?
केजरीवाल का आखिरी सवाल देश भर में सबसे ज्यादा भ्रष्टाचारी नेताओं को मोदी जी ने अपनी पार्टी में शामिल कराया है। जैसे 28 जून 2023 को मोदी जी ने एक सार्वजनिक भाषण में एक पार्टी और उनके नेता पर 70 हज़ार के घोटाले का आरोप लगाया था और फिर कुछ दिन बाद उसी नेता, जिसे कल तक भ्रष्ट कह रहें थे आज उसे उपमुख्यमंत्री बना दिया। यही नहीं ऐसे कई मामले हैं। जब दूसरी पार्टी के भ्रष्ट नेताओं को उन्होंने पार्टी में शामिल कराया। क्या आपने या RSS कार्यकर्ताओं ने ऐसी ही बीजेपी की कल्पना की थी ?
Add Comment