राजस्थान सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राज्य के 3 लाख अधिकारी और कर्मचारियों की शैक्षणिक डिग्रियों की जांच कराने का आदेश दिया है। इस फैसले का उद्देश्य फर्जी डिग्री धारकों की पहचान करना और सरकारी सेवा में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करना है।
राज्य सरकार ने इस जांच के लिए एक विशेष समिति का गठन किया है जो विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों की डिग्रियों की सत्यता की जांच करेगी। इस प्रक्रिया में शैक्षणिक संस्थानों से प्रमाण पत्रों की पुष्टि की जाएगी और किसी भी अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार का यह कदम सरकारी सेवा में फर्जी डिग्री के मामलों को रोकने और योग्यता आधारित नियुक्तियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है। इससे सरकारी कर्मचारियों में भी एक स्पष्ट संदेश जाएगा कि किसी भी तरह की धोखाधड़ी या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इस फैसले का स्वागत करते हुए कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने इसे राज्य की सेवा में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। वहीं, कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस फैसले पर चिंता व्यक्त की है, लेकिन राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह जांच पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ की जाएगी।
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