Home » मदरसे में चल रहा था फर्जी नोटों का कारोबार
Allahabad Uttar Pradesh

मदरसे में चल रहा था फर्जी नोटों का कारोबार

Prayagrajnews-Fakenotebusiness
Prayagrajnews-Fakenotebusiness

यूपी में प्रयागराज के एक मदरसे में नकली नोट छापने वाले गिरोह का खुलासा हुआ है जिसमें स्थानीय पुलिस ने चार अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है जिनमें करेली के मोहम्मद अफजल व मोहम्मद शाहिद, अतरसुइया के मौलवी मोहम्मद तफसीरुल आरिफीन और ओडिशा के जाहिर खान उर्फ अब्दुल के नाम शामिल है, इसके अलावा पुलिस ने उनके पास से एक लाख के नकली नोट और छपाई के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को भी बरामद किया गया है।

दरअसल प्रयागराज के अतरसुइया में स्थित जामिया हबीबिया मस्जिद के आजम मदरसे में तीन महीनों से प्रिंटर व हाई क्वालिटी स्कैनर की मदद से नकली नोटों की छपाई चल रही थी जिसके लिए मदरसे के मौलवी ने आरोपियों को एक अलग कमरा दे रखा था । पुलिस की पूछताछ में पता चला है कि आरोपी नकली नोटों को पहले बड़ी पेपर शीट पर प्रिंट करते थे उसके बाद कटर की मदद से नोटों की कटिंग कर एक-एक नोट को अलग करते थे। इसके अलावा इन नोटों को असली दिखाने के लिए ये बदमाश सिक्योरिटी थ्रेड की जगह हरा टेप चिपकाते थे।

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से एक आरोपी जाहिर ने बताया कि सबसे पहले ये लोग असली नोट को स्कैन करते थे, फिर फोटो एडटिंग टूल के जरिये इनके नंबर बदलकर इन्हे बड़ी पेपर शीट पर ज़्यादा मात्रा में प्रिंट करते थे, जिसके बाद वे रात में मिलकर कटर से इन नोटों को काटकर अलग-अलग करते थे। आरोपी ने यह भी बताया कि कटर से नोटों को काटने से पहले धातु के बने एक खांचे को प्रिंटेड शीट पर रखा जाता था , जिसमें नोटों की कटाई हूबहू असली नोटों जैसी होती थी ।

इन नोटों में बस इतना ही अंतर था की असली नोटों की तरह इन नोटों के सिक्योरिटी थ्रेड पर आरबीआई अंकित नहीं होता था। जाहिर ने यह भी बताया कि मदरसे का मौलवी तफसीरूल पहले बच्चों को पढ़ाता था और छुट्टी होने के बाद वह भी नकली नोट बनाने में मदद करने में जुट जाता था। मामले से जुड़े आरोपियों ने बताया कि वे इन नोटों का इस्तेमाल भीड़भाड़ वाले स्थानों पर करते थे जिनमें रिक्शा, ऑटो, सब्जी और किराना जैसी छोटी दुकाने शामिल थीं।

Prayagrajnews-Fakenotebusiness