अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि वे चीन को छोड़कर सभी देशों को 90 दिनों की मोहलत देंगे, लेकिन चीन से 125% टैरिफ की वसूली की जाएगी। अमेरिका का चीन के साथ व्यापार युद्ध और तेज हो गया है। यह फैसला वैश्विक व्यापार को संतुलित करने और अमेरिकी उद्योगों को मजबूत करने के लिए लिया गया है।
ट्रंप की टैरिफ नीति
ट्रंप ने कहा कि चीन ने अमेरिका का फायदा उठाया है, इसलिए यह सख्त कदम आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि कभी-कभी इलाज के लिए कड़वी दवा लेनी पड़ती है, इसीलिए चीन को किसी प्रकार की छूट नहीं दी जाएगी। ट्रंप की इस नीति से न सिर्फ अमेरिका, बल्कि दुनिया भर में चिंता बढ़ गई है। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने कहा कि यूरोप अब अमेरिका के अलावा अन्य देशों के साथ व्यापार पर और अधिक ध्यान देगा।
चीन पर टैरिफ का प्रभाव
चीन पर 125% टैरिफ लगाने से वहां के निर्यात पर भारी असर पड़ेगा। इससे चीन की अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ सकता है। ट्रंप ने कहा कि यह टैरिफ वैश्विक व्यापार को संतुलित करने और अमेरिकी उद्योगों को मजबूत करने के लिए जरूरी हैं। पहले चीन पर ये टैरिफ 104 प्रतिशत ही था लेकिन चीन ने दुनिया के साथ कारोबारी रिश्तों का सम्मान नहीं किया और इसके बजाये उसने बदला लेने का फैसला किया।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
ट्रंप की टैरिफ नीति से अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इससे महंगाई बढ़ सकती है और आर्थिक विकास धीमा हो सकता है। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने चेतावनी दी है कि टैरिफ से महंगाई बढ़ सकती है। निवेशकों को उम्मीद है कि साल के अंत तक ब्याज दरें चार बार कम की जाएंगी, क्योंकि मंदी और नौकरियों में कटौती का डर बढ़ रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि करीब 75 देशों ने अमेरिका के साथ व्यापारिक असंतुलन को दूर करने की बात पर सहमति जताई और समझौते की मेज पर आए हैं इसीलिए उन्हें मोहलत दी जा रही है। लेकिन, चीन ने इसके विपरीत कदम उठाए और लगातार कार्रवाई करने की धमकी दे रहा है इसीलिए चीन को कोई छूट नहीं मिलेगी।
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