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आज के समय में 2 से 3 साल का बच्चा भी Youtube पर वीडियो देख रहा है। बच्चों कर पेरेंट्स भी अपना काम आसान करने के लिए उन्हें मोबाइल फ़ोन पकड़ा देते हैं फिर यही बच्चे 5 से 6 साल की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते फोन चलाने में पूरी तरह एक्सपर्ट हो जाते हैं, जिसके बाद 10 से 15 साल की उम्र में ज्यादातर बच्चे सोशल मीडिया पर आ जाते हैं। लेकिन पेरेंट्स नहीं जानते की इसकी लत बच्चों की मेंटल हेल्थ पर बुरा असर डालती है।
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यही कारण है कि ऑस्ट्रेलिया 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन करने जा रहा है। इससे पहले भी कई देशों ने के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर रोक लगाई है। ऐसे में आइए जानते हैं सोशल मीडिया का बच्चों की मेंटल हेल्थ पर कितना असर होता है…
डिप्रेशन का शिकार हो रहे बच्चे
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अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने एक रिसर्च में पाया गया कि जो बच्चे 3 घंटे से ज्यादा सोशल मीडिया पर अपना समय दे रहे हैं, उनमें डिप्रेशन का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 में दुनिया के 378 करोड़ लोग सोशल मीडिया यूज कर रहे थे. इनमें से 84% यूजर 18 से 25 साल के थे वैज्ञानिकों का कहना है कि सोशल मीडिया एक शराब और सिगरेट की लत की तरह ही है, जिसे छोड़ पाना बिल्कुल भी आसान नहीं है।
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आजकल तो जो बच्चे सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उनमें एंग्जाइटी की समस्या भी देखने को मिल रही है। इसके साथ ही कई रिपोर्ट्स में पाया गया है कि सोशल मीडिया बच्चों के कॉन्फिडेंस लेवल को भी कम कर रहा है इसके साथ ही उनकी मेंटल हेल्थ पूरी तरह बिगड़ रही है।
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