अगर आप अपने चैनल के माध्यम से सरकार पर सवाल करते है तो भले आपका चैनल नेशनल हो भले 7M subscribers ho लेकिन नेशनल सिक्योरिटी का हवाला दे कर बंद किया जा सकता है.

नमस्कार मैं हु आपके साथ उत्कर्ष सिंह और आप देख रहे हैं हिंद न्यूज ..
पहलगाम में जिस तरीके से कायराना हमला आतंकवादियों द्वारा किया गया उसके बाद हम सभी को एक उम्मीद थी कि सरकार एक ऐसा कदम उठाएगी जिससे उन शहीद हुए लोगों के परिवार को कम से कम न्याय मिल सके, हर एक भारतीय गर्व से कह सके कि हमने आतंकवाद खत्म कर दिया
लेकिन अफसोस तो इस बात का है कि हमारे आपके द्वारा चुनी हुई सरकार का पूरा ध्यान है कि कहीं सोशल मीडिया, यूट्यूब मीडिया के माध्यम से कोई उनपर सवाल न खड़ा कर दे लेकिन अगर निडर होकर
पहले नेहा सिंह राठौर उसके बाद लखनऊ यूनिवर्सिटी की महिला प्रोफेसर अपने सोशल मीडिया अकाउंट से सरकार से तीखे सवाल पूछ लेती हैं व्यंग कर देती हैं तो उनपर FIR कर दी जाती है और कुछ लोग उन्हें देशद्रोही का टैग भी देने से नहीं थकते हैं.
कहानी यहीं खत्म नहीं होती कल सुबह एक खबर आती है जिसमें पता चलता है कि लखनऊ से संचालित होने वाला एक चैनल 4PM जिसके यूट्यूब पर कुल 7M से भी ज्यादा सब्सक्राइबर्स थे उसे नेशनल सिक्योरिटी का हवाला देकर बंद कर दिया जाता है और चैनल संपादक संजय शर्मा को कुछ पता भी नहीं चलता कि आखिर वजह क्या थी ..
सवाल अभी भी सबसे बड़ा यही खड़ा होता है कि 8 दिन हो गए हैं ऐसे में वहां की अकाउंटेबिलिटी, रिस्पॉन्सबिलिटी, सिक्योरिटी लेप्स, इंटेलीजेंस लेप्स, की बात और सवाल मन में जरूर आता है क्योंकि अमित शाह गृहमंत्री है
जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की जिम्मेदारी जम्मू कश्मीर की पुलिस की जिम्मेदारी भी केंद्र के अधीन है मतलब LG के अधीन है, साथ ही साथ सिक्योरिटी फोर्सेज तो है ही जिसका मतलब है कि सुरक्षा की जिम्मेदारी सरकार की है
और अमित शाह देश के गृहमंत्री है इन सब के बाद सरकार ने 5 साल के अंदर कश्मीर में अमन चैन का माहौल भी बनाया और ऐसा हुआ भी ..
तमाम दावे किए गए जिसके वजह से बड़ी संख्या में टूरिस्ट वहां जाने लगे थे
लेकिन अब इतनी बड़ी घटना हो गई 26 लोग मारे गए तो ये सवाल आखिर क्यों नहीं पूछा जाएगा ये भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है ..
लेकिन इन सबके बाद एक सच्चाई ये भी है कि आज भारत देश का हर एक नेता चाहे वो पक्ष का हो या विपक्ष का, मीडिया, पुलिस, आम नागरिक हम और आप ये चाहते हैं कि मौजूदा सरकार, हमारे देश की सेना एक ऐसा कदम उठाए जिसे पाकिस्तान वर्षों वर्षों तक भूल न सके और मजबूरन उसे आतंकवाद से दूरी बनानी पड़े और हम भी ये गर्व से कह सकें कि
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