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प्रेमानंद महाराज ने व्रत को लेकर कह दी ये बड़ी बात, ऐसे होता है उपवास ?

PremanandMaharaj-WhatEatDuringFast
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हमारे देश में विभिन्न प्रकार के पर्व मनाए जाते हैं, सभी पर्व में लोग पूजा-पाठ करने के साथ ही अपनी श्रद्धानुसार उपवास रखते हैं। जैसे अभी कुछ दिनों पहले ही शारदीय नवरात्रि का पर्व आया था, जिसमें अधिकतर लोग व्रत रखते हैं, पूजा-पाठ करते हैं। इसके साथ ही करवा चौथ हो, तीज हो, छठ पूजा या कोई भी पर्व हो, जिसमे कुछ लोग फलाहार करके व्रत को पूरा करते हैं तो कुछ लोग निर्जला व्रत भी रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि व्रत करने के क्या फायदे होते हैं, जरूरी नहीं कि सिर्फ पर्व और त्योहार में ही उपवास रखा जाये। व्रत रखने के सही नियमों के बारे में वृंदावन के प्रस‍िद्ध संत प्रेमानंद महाराज जी ने जानकारी देते हुए बताया कि क्या है फलाहार का मतलब……
प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि आजकल तो उपवास लोगों के लिए एक मनोरंजन जैसा हो गया है, वैसा व्रत नहीं रखना चाहिए जैसा आजकल रखा जा रहा। आजकल लोग व्रत में कुट्टू की पूड़ी, सिंघाड़े का हलवा, साबूदाने की खीर आदि खाते हैं। ये किस प्रकार का व्रत है ? फिर तो ऐसा फलाहार रोज मिले तो बहुत बढ़िया है। फलाहार का मतलब होता है कि हम व्रत में 12 बजे दिन तक कुछ नहीं खाएंगे, बारह बजे थोड़ा पानी पी लिया और फिर शाम के 4 बजे कुछ फल, मीठा, दूध जैसे कुछ सात्विक भोजन खाएंगे बस। इसके साथ ही प्रेमानंद महाराज व्रत करने का सबसे पहला फायदा यह बताया कि इससे हमारी बॉडी को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है, व्रत रखने से वजन कम होता है। उपवास करने से नई रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं बनती हैं जो हमारे शरीर में इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है।