हौसला बुलंद हो तो इंसान क्या कुछ नहीं कर सकता। बड़ी से बड़ी मुश्किलों को पार भी कर सकता है। ऐसा ही कुछ हमे पेरिस में हो रहे पैरालिंपिक खेल में देखने को मिल रहा है। हम बात कर रहे हैं भारतीय खिलाड़ी प्रीति पाल कि जिन्होंने 1 सितंबर को T-35 रेस में देश को 2 ब्रॉन्ज मेडल दिलाया। प्रीति ने रविवार को 200 मीटर और शुक्रवार को 100 मीटर रेस में ब्रांज मेडल जीता।
आपको बता दें प्रीती का जब जन्म हुआ था तो उसके दोनों पैर जुड़े हुऐ थे। जिसके कारण प्रीति को 10 साल बिस्तर पर ही गुजारने पड़े थे। उत्तर प्रदेश के मेरठ के छोटे से गांव में रहने वाली प्रीति को एक नई उम्मीद तब मिली जब उन्होंने टीवी पर विकलांग लोगो को खेलते हुए देखा। जिसके बाद उन्होंने कई सालो तक लगातार मेहनत की जिसका फल आज देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीत कर मिला। PM नरेंद्र मोदी ने फोन करके प्रीति को बधाई दी। इस दौरान पीएम ने प्रीती से ज़ब पूछा- कैसा लग रहा है? जवाब में प्रीति ने कहा मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मेरा सपना पूरा हो गया है।
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