विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा एमपॉक्स की पहली वैक्सीन को लोगों पर इस्तेमाल करने की अनुमति दे दी गई है, यह वैक्सीन 18 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले लोगों को दो खुराकों में दी जाएगी लेकिन इस वैक्सीन को 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को देने की अनुमति नहीं दी गई है। शुक्रवार को WHO ने कहा कि यह अफ्रीका और अन्य स्थानों पर इस बीमारी से लड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस वैक्सीन को बवेरियन नार्डिक कंपनी द्वारा एमपॉक्स से बचाव के लिए बनाया गया है , इस वैक्सीन को यूनिसेफ जैसे संगठनों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा। यह इस वैक्सीन का प्रीक्वालिफिकेशन टेस्ट है, जिसका मक़सद यह है की वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हो। आपको बता दें की अफ्रीका महाद्वीप के मध्य में स्थित देश, कांगो इस एमपोक्स नामक वायरल रोग से सबसे ज्यादा ग्रस्त है, यहां एमपॉक्स के मामले सबसे ज्यादा बच्चों में दिखाई दिए हैं। आपको बात दें की एमपॉक्स को पहले मंकी पॉक्स के नाम से जाना जाता था, जिसके प्रमुख लक्षण हैं, दाने निकलना, फफोले बनना, बुखार, शरीर में दर्द होना।
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